लेखनी कहानी -01-Sep-2022 सौंदर्या का अवतरण का चौथा भाग
४- श्रवण की माँ हुई बीमार -
बच्चे के बारे में पूरी जानकारी लेते, और सब कुछ ठीक-ठाक होने पर खुश होकर घर आ जाते,यही क्रम चल रहा था। डॉक्टर के यहां से आने के बाद सभी लोग श्रेया से उसके बारे में पूछताछ करते बच्चे का हाल-चाल भी पूछते।
नौवां महीना लगने की बाद श्रेया की परेशानियां और बढ़ने लगी। अब उसे उठने बैठने में, चलने फिरने में बहुत परेशानी होती। जिसके कारण हर पल ही श्रवण को उसके साथ रहना पड़ता। श्रवण का मन तो पहले से ही डरा हुआ है, इसलिए श्रवण श्रेया को एक पल भी नहीं छोड़ पाता था। क्योंकि वह पहले ही एक बार फिसल कर गिर चुकी थी तो सोचता था कि अब सब कुछ ठीक-ठाक निबट जाय। इसके लिए श्रवण ने ऑफिस से छुट्टी ले ली थी। और दिन रात श्रेया की सेवा में लगा रहता है।
आज से आपके गर्भधारण को आठ महीना एक हफ्ता बीत चुका है। आज फिर डॉक्टर के चेकअप का समय आ गया है। श्रवन श्रेया को दिखाने डॉक्टर के यहां ले जा रहा है।जाते-जाते पीछे से श्रवन की मां ने कहा कि मैं भी श्रेया बहू के साथ डॉक्टर साहब के यहां चलूंगी। तो श्रवन ने मां से कहा- कि मैं दिखा आता हूं, तुम क्या करोगी जाकर। पर मां के जिद करने पर श्रवन को मां की जिद माननी पड़ी। उसने अपने साथ डॉक्टर के यहां ले जाने के लिए मजबूरन मां को आने की इजाजत दे दी। श्रवन की मां झटपट नहा धोकर तैयार होकर बिना कुछ खाए पीए ही बहू के साथ डॉक्टर के यहां चली गई।
डॉक्टर के आने में देर थी। श्रेया और सासु मां दोनों बातें कर रही थी, कि अचानक सासु मां की तबीयत खराब होने लगी।अचानक से सासू मां ने कांपना शुरू कर दिया। श्रेया ने जल्दी से श्रवन को आवाज दी। श्रवन मां की हालत को देखकर घबरा गया। क्योंकि वह लोग हॉस्पिटल में ही थे इसलिए तुरंत मां को डॉक्टर को दिखाया। अचानक से मां का बीपी हाई हो गया था, क्योंकि मां ने बीपी की दवा नहीं ली थी।डॉक्टर की देखरेख में मां को इंजेक्शन और दवा दी गई।इससे मां का बीपी कंट्रोल हुआ और मां कुछ नॉर्मल हुई। तब श्रवन ने मां को लेटे रहने को कहा। और श्रेया को डॉक्टर के पास दिखाने ले गया। डॉक्टर ने श्रेया का चेकअप किया। चेकअप के बाद श्रवन को आश्वस्त किया कि सब कुछ ठीक-ठाक है। श्रवन को खुशखबरी के साथ बधाई दी कि बहुत जल्दी ही श्रेया का समय पूरा होने वाला है। 8 महीना पंद्रह दिन हो चुका है। जल्द ही श्रेया की डिलीवरी हो जाएगी। तब सब सावधानी बरतना जरूरी है। दवा बगैरह खरीद कर ही श्रवन मां और श्रेया को घर वापस लेकर आया।
घर आकर मां को उनके कमरे में लिटाया। यह देख कर घर के सभी लोग समझ गए कि मां को कुछ हुआ है।और थोड़ी ही देर में सभी मां के कमरे में आ गए। सभी मां का हाल जानना चाहते थे। तब मैंने सबको सारी बात बताई कि अस्पताल में कैसे मां की तबियत खराब हुई और फिर क्या करना पड़ा।
मां को डॉक्टर को दिखाया अब मां की तबियत ठीक है। मां को डॉक्टर को दिखाने के बाद ही मैंने श्रेया को डॉक्टर को दिखाया। दोनों को डॉक्टर को दिखाने के बाद ही घर वापस लाया हूं। अब सब ठीक है चिंता की कोई बात नहीं है,मगर ध्यान रखना है।
मां का हाल पूछने के बाद सभी ने श्रेया का हाल पूछा और श्रवन ने सभी को जो डॉक्टर ने बताया था, वही बताया कि धीरे-धीरे श्रेया का डिलीवरी का समय नजदीक आ रहा है। और इस समय श्रेया का भी विशेष ध्यान रखना है।बहुत जल्द ही उसकी डिलीवरी हो जाएगी। अभी सब कुछ ठीक है और भगवान करे सब कुछ ठीक ही रहे।
इस आशा के साथ डॉक्टर ने सावधानी बरतने के लिए कहा है । जैसे-जैसे श्रेया के डिलीवरी का समय नजदीक आता जा रहा है, श्रवन और परिवार वालों की चिंताएं बढ़ती जा रही है। एक तरफ श्रेया और दूसरी तरफ मां की तबियत का खराब होना, सभी को ज्यादा चिंतित कर दे रहा था। पर फिर भी सभी मां और श्रेया दोनों की सेहत ध्यान रख रहे थे। मां को टाइम से दवाई दी जा रही थी उनके खाने-पीने का ध्यान रखा जा रहा था। क्योंकि मां का स्वस्थ होना बहुत जरूरी था।
मां स्वस्थ रहेगी तो श्रेया का ध्यान भी रख पाएगी, इसलिए दोनों को बराबर सावधानी के साथ दवाइयां दी जा रही थी। धीरे-धीरे तीसरा हफ्ता भी पूरा होने को आया था। श्रेया को फिर चेकअप के लिए डॉक्टर के पास जाना था। इस बार श्रवन अकेला ही श्रेया को लेकर डॉक्टर के पास गया। डॉक्टर ने चेकअप करने के बाद सब कुछ ठीक-ठाक बताया और निश्चिंत रहने को कहा। बस एक हफ्ते बाद श्रेया की डिलीवरी हो जाने वाली थी। घर में सभी को बहुत बेसब्री से इस खुशी का इंतजार था।
Astha Singhal
15-Sep-2022 09:39 AM
बढ़िया भाग 👍
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shweta soni
05-Sep-2022 04:08 PM
Nice
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नंदिता राय
05-Sep-2022 02:24 PM
शानदार भाग
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